जेएनयू छात्रसंघ ने अंबेदकर-पेरिया स्टडी सर्कल पर प्रतिबंध् के खिलाफ 1 जून 2015 को मानव संसाधन विकास मंत्रालय के बाहर एक प्रदर्शन आयोजित किया. इस प्रदर्शन में आइसा, डीएसएफ, दिशा, निशांत नाट्य मंच, पीयूसीएल, अनहद, एआइपीएफ समेत कई प्रगतिशील लोकतांत्रिक संगठनों ने भाग लिया. दिल्ली पुलिस ने पहले तो जेएनयू के छात्रों को रोक दिया और उन्हें जंतर-मंतर की ओर जाने को कहा ( लेकिन छात्रों ने उनकी एक न सुनी और उन्होंने पुलिस और सीआरपीएफ की भारी तैनाती के बीच मंत्रालय के सामने ही प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन को एनडी पंचोली, शमसुल इस्लाम, शबनम हाशमी, मालती मैत्री, नवैद हामिद, कविता कृष्णन, जेएनयू छात्रसंघ के उपाध्यक्ष अनंत तथा कई अन्य लोगों ने संबोधित किया.
अपने भाषणों, नारों और प्लेकार्डों के जरिए प्रदर्शनकारियों ने मानव संसाधन विकास मंत्री को स्पष्ट संदेश दिया कि वे चाहते हैं कि आइआइटी जैसी संस्थाओं को हिटलर नहीं, बल्कि आइंस्टीन के मूल्यों के अनुसार संचालित किया जाए( गोलवलकर नहीं, बल्कि अंबेदकर और पेरियार के सपनों के अनुसार चलाया जाए.